सुखविंदर सरकार इन मांगो पर किसानो व बागवानों को राहत प्रदान करेंगे:संजय चौहान हरीश चौहान

कमल शर्मा
सुखविंदर सरकार इन मांगो पर किसानो व बागवानों को राहत प्रदान करेंगे:संजय चौहान हरीश चौहान


शिमला/चौपाल:(23जनवरी):-संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान व सह संयोजक संजय चौहान ने हिमाचल प्रदेश की वर्तमान सरकार के मुख्यमंत्री से आशा ब्यक्त की है कि किसानो और बागवानों को आवश्य राहत प्रदान करेंगे विभिन्न किसान व बागवान संगठनों का संयुक्त किसान मंच प्रदेश में नई सरकार बनने पर बधाई देता है तथा आशा करता है कि सरकार आपके नेतृत्व में प्रदेश के किसानो व बागवानों की समस्याओं के समाधान हेतु प्राथमिकता से कार्य कर इनके हित की नीतियां बनाकर राहत प्रदान करेगी।आपको विदित ही है कि प्रदेश की करीब 89 प्रतिशत आबादी गांव में रहती है तथा इनमे से अधिकांश का रोज़गार व आजीविका का मुख्य स्रोत कृषि व बागवानी ही है। आज देश में कृषि के संकट के चलते प्रदेश के किसानो का संकट भी बढ़ रहा है। खेती में उत्पादन लागत कीमत निरंतर बढ़ती जा रही है और वहीं दूसरी ओर किसानो व बागवानों को उनके उत्पाद का उचित दाम नहीं मिल रहा है। कृषि व बागवानी के क्षेत्र में कॉर्पोरेट घरानों व कंपनियों के बढ़ते दखल से किसानो व बागवानों की फसल की खरीद बहुत ही कम दाम पर की जा रही है जिससे इनकी परेशानी और अधिक बढ़ गई है। इससे कृषि व बागवानी का संकट और अधिक गहरा गया है। सरकार के हस्तक्षेप के बिना इस संकट से बाहर निकलने की कोई और संभावना नहीं है। संयुक्त किसान मंच प्रदेश के किसानो व बागवानों की समस्याओं को लेकर सरकार से मांग करता है कि सरकार तुरन्त इन समस्याओं के निदान हेतु ठोस नीति बनाकर किसानो व बागवानों को राहत प्रदान करे। इसके लिए संयुक्त किसान मंच आपके समक्ष निम्न मांगो को रखता है सेब व अन्य फलों, फूलों व सब्जियों की पैकेजिंग में इस्तेमाल किए जा रहे कार्टन पर जीएसटी समाप्त किया जाए व कार्टन व ट्रे की कीमतों में की गई भारी वृद्धि वापिस ली जाए तथा इनकी गुणवत्ता पर भी सरकार नियंत्रण करे।2.एचपीएमसी व हिम्फेड द्वारा गत वर्षों में बागवानों से लिए गए सेब का  बकाया भुगतान तुरन्त किया जाए। बागवानों का करीब 90 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान अभी भी बकाया है 3. हिमाचल प्रदेश में भी कश्मीर की तर्ज पर मण्डी मध्यस्थतायोजना(एमआईएस) पूर्ण रूप से लागू की जाए तथा सेब के लिए मण्डी मध्यस्थता योजना(एमआईएस) के तहत ए बी व सी ग्रेड के सेब के लिए क्रमशः 60 रुपये, 44 रुपये व 24 रुपये प्रति किलो समर्थन मूल्य पर खरीद की जाये।4. खाद, बीज, कीटनाशक, फफूंदीनाशक व अन्य लागत वस्तुओं पर दी जा रही सब्सिडी को पुनः बहाल किया जाए और सरकार कृषि व बागवानी विभागों के माध्यम से  किसानों व बागवानों को उचित गुणवत्ता वाली लागत वस्तुएं सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाए। इसके लिए एक कोष का गठन किया जाए।5. सेब पर आयात शुल्क कम से कम 100 प्रतिशत किया जाए तथा इसे मुक्त व्यापार संधि(एफटीए ) से बाहर किया जाए।6. प्रदेश में बागवानी विकास के लिए बागवानी बोर्ड व आय आयोग का गठन कर इसमें बागवानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।7. प्रदेश की विपणन मण्डियों में एपी एमसी कानून को सख्ती से लागू किया जाए। मंडियों में खुली बोली लगाई जाए व किसान से गैर कानूनी रूप से की जा रही मनमानी वसूली जिसमें मनमाने लेबर चार्ज, छूट, बैंक डी डी व अन्य चार्जिज को तुरन्त समाप्त किया जाए।8.किसानों से प्रदेश में विभिन्न बैरियरों पर ली जा रही मार्किट फीस वसूली पर तुरन्त रोक लगाई जाए। शोघी बैरियर व अन्य बैरियरो को बन्द किया जाए तथा जिन किसानों से इस प्रकार की गैर कानूनी वसूली की गई है उन्हें इसे वापिस किया जाए।9.प्रदेश की सभी मंडियों में सेब व अन्य सभी फसले वजन के हिसाब से बेची जाए।10.किसानों के आढ़तियों व खरीददारो के पास बकाया पैसों का भुगतान तुरन्त करवाया जाए तथा मंडियों में ए पी एम सी कानून के प्रावधानों के तहत किसानो को जिस दिन उनका उत्पाद बिके उसी दिन उनका भुगतान सुनिश्चित किया जाए। जिन खरीददार व आढ़तियों ने बकाया भुगतान नहीं किया है उनके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए।11. कृषि व बागवानी के लिये प्रयोग में आने वाले उपकरणों स्प्रेयर, टिलर, एन्टी हेल नेट आदि की वर्षों से लंबित सब्सिडी तुरन्त प्रदान की जाए।12. प्रदेश में ओलावृष्टि व वर्षा, असामयिक बर्फबारी, सूखा व अन्य प्राकृतिक आपदाओं से किसानों व बागवानों की फसलों को होने वाले नुकसान का सरकार उचित मुआवजा प्रदान करने के लिए ठोस नीति बनाए। फसल बीमा योजना को सही रूप में सभी फसलों के लिए लागू किया जाए।13. किसानों व बागवानों के द्वारा विभिन्न बैंकों व संस्थाओं से लिये गये ऋण की माफी की जाए तथा बैंकों द्वारा जारी वसूली के नोटिस तुरन्त प्रभाव से वापिस लिए जाए।
14. प्रदेश में सभी जिलों में आधुनिक सुविधाओं से लैस विपणन मण्डियों का विकास व विस्तार किया जाए तथा पुरानी मंडियों के विस्तार व आधुनिकीकरण के लिए योजना बनाकर इनका कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। 15. सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) तय कर इसे कानूनी रूप से लागू किया जाए।16. प्रदेश में धान, गेहूं, मक्की व अन्य फसलों की खरीद के लिए मंडिया स्थापित कर न्यूनतम समर्थन मूल्य(एमएसपी) के तहत खरीद करे।17. प्रदेश में अदानी व अन्य कंपनियों के सीए स्टोर में लिये जाने वाले सेब के दाम तय करने व निगरानी के लिए बागवानी विश्विद्यालय, बागवानी विभाग के विषय विशेषज्ञ व बागवानों की कमेटी के तुरन्त सुझाव लेकर ही उचित दाम तय किए जाए तथा बागवानो को इन सीए स्टोरों में कम से कम 25 प्रतिशत सेब रखने के प्रावधान को सख्ती से लागू किया जाए।18.किसान सहकारी समितियों को स्थानीय स्तर पर सीए स्टोर बनाने के लिए सरकार द्वारा 90 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाए।19. प्रदेश में सरकार भूमि अधिग्रहण,2013 कानून(पुनर्स्थापना, पुनर्वास व चार गुणा मुआवजा) को लागू करे।20. बढ़ती महंगाई पर रोक लगाई जाए तथा डीजल पर वैट में की गई वृद्धि वापिस ली जाए।अतः संयुक्त किसान मंच आपसे आग्रह करता है कि किसानो व बागवानों की इन उचित मांगो के समाधान हेतु आपकी अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन शीघ्र किया जाए। ताकि इनका स्थाई रूप से समाधान किया जा सके। हरीश चौहान व संजय चौहान ने संयुक्त रूप से कहा आशा करते हैं कि सुखविंदर सिंह की सरकार इन मांगो पर तत्परता से कार्य कर किसानो व बागवानों को राहत प्रदान करेंगे।


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23-1-2023

 

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