पूर्व विधायक राकेश वर्मा चौपाल के विधायक बलबीर वर्मा के बड़े भ्राता थे। चौपाल में शोक की लहर

21मई 2020

ठियोग के पूर्व विधायक राकेश वर्मा के निधन से  शोक की लहर
अब नही दिखेगा खोया चेहरा सब को रुला गया
                      कमल शर्मा) चौपाल

  चौपाल ब्यूरो:-विधानसभा क्षेत्र ठियोग से तालुक रखने वाले पूर्व विधायक राकेश वर्मा के अकस्मात निधन होने से समूचे चौपाल क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई वही पूरे प्रदेश में मातम छा गया । पूर्व विधायक राकेश वर्मा चौपाल के विधायक बलबीर वर्मा के बड़े भ्राता थे। राकेश वर्मा का चौपाल से सीधा तालुक रहा है। 2012 से पूर्व राकेश वर्मा ने चौपाल की राजनीति में दस्तक देनी शुरू की थी और अपने इस प्रयास से चौपाल की कुछ सड़को को अपने निजी फंड से बनना शुरू किया और चौपाल के स्कूलों और खेल कूद प्रतियोगिताओ में भी राकेश वर्मा का आना जाना लगा रहा और लोग भी उन से जुड़ने शुरू हो गए थे  लेकिन 2012 में राकेश वर्मा को भाजपा का टिकट ठियोग से मिलने पर चौपाल को अलविदा कहना पड़ा और उनके लिए चौपाल में राजनीतिक जमीन तैयार थी मगर ठियोग की तरफ रुख करना पड़ा फिर तैयार जमीन पर  कांग्रेस के विरुद्ध उनके छोटे भाई बलवीर वर्मा ने चौपाल से आजाद उम्मीदवार के रूप में अपना कदम रखा और चुनाव जीत गए ।
 राकेश वर्मा को तब लोग चौपाल से आज़ाद उमीदवार के रूप में चाहते थे और देहा जा कर चौपाल के लोगो ने राकेश वर्मा को बलसन के लोगो की उपस्थिति में चौपाल आने का चुनाव लड़ने का न्यौता दिया था लेकिन भाजपा हाई कमान ने उनको चौपाल आने नही दिया और टिकट थमा कर ठियोग भेज दिया ऐसे में लोगो ने राकेश वर्मा के स्थान पर चौपाल से बलवीर वर्मा को समर्थन दे कर विधानसभा भेज दिया जो आज भी चौपाल का नेतृत्व कर रहे है

  ■>अब नही दिखेगा खोया चेहरा 
सब को रुला गया:– राकेश वर्मा हिमाचल की राजनीति में कदावर नेता थे अपनी शराफत इंसानियत और गरीबों के मददगार के रूप में जाने जाने वाले नेता थे उनके पिता डीजी पद से सेवा निवृत्ति हुए है और राकेश वर्मा का परिवार हाई  रेंक पर रहा है, लेकिन उन्होंने कभी इस बात को अपने मार्ग में आड़े नही आने दिया और आम लोगो की तरह जनता में सेवा में डटे रहे ये संस्कार राकेश वर्मा के पूरे परिवार मे आज भी देखने को मिलते है । उनकी धर्म पत्नी इंदु वर्मा राजनीति में है लगातार जिला परिषद का नेतृत्व कर रही है लेकिन इस संकट की  घड़ी में राकेश वर्मा ने उनके सभी चाहने वालो को खूब रुलाया है ।
 मालरोड पर सबको प्रणाम करने वाला चेहरा खो गया है । “रामा न्यूज एजेंसी” के सामने उनका हमेशा मिलना और खड़ा रहना अब अतीत हो जाएगा लोग उस जगह से गुजरते राकेश वर्मा को जरूर याद करेगे “आओ चाय पी लो”शिष्टाचार का ये शब्द जो राकेश वर्मा हर मिलने वाले को कहते थे अब शिमला में दूर दूर तक कही सुनने को नही मिलेगा।
कुशल राजनेता थे:-राकेश वर्मा कुशल राजनेता थे उनका ब्यक्तित्व सब को प्रभावित करने वाला था। ठियोग से हिमाचल की राजनीति में धुरंधर रही मैडम स्टोक्स के विरुद्ध चुनाव लड़ कर राकेश वर्मा ने हिमाचल की राजनीति में एक नया इतिहास रच दिया था। बढ़ते कदमो को रोकने के लिए विरोधियों को राजनीतिक तौर से परस्त करने की राकेश वर्मा में एक अलग कला थी जिनकी राजनीति का आज भी बड़े बड़े लोहा मनाते थे।
ह्रदय गति रुकने से राकेश वर्मा का निधन हो गया ये खबर आग की तरह फैल गई लोगो ने उनके निधन पर बहुत दुख प्रकट  किया है प्रभावित परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।

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