डीडी जंसटा/नेरवा 8दिसम्बर19
नेरवा(ब्यूरो):-राष्ट्रपति आवाडियो को मिला सम्मान ,डॉ गोपाल दत्त शर्मा आज किसी परिचय के मोहताज नही । मशहूर कहावत है कि भाग्य भी वीरों का साथ देता है, और यह बात सही भी साबित होती है हालांकि डॉक्टर गोपाल दत्त शर्मा चौपाल के मशराह से ताल्लुक रखते हैं और उनका जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ लेकिन बाल्यकाल से ही उनमें एक अलग जज्बा और जुनून था ,कुछ कर गुजरने के लिए उन्होंने विद्यालय काल से ही छोटी-छोटी गतिविधियों में भाग लेकर सदैव अपना शत प्रतिशत देने का प्रयास किया। आखिरकार बड़ी जद्दोजहद के बाद शिक्षा पूरी कर वे एसोसिएट प्रोफेसर बने और उसके बाद बतौर एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी रहते हुए उन्होंने समाज में नित नए कार्यों को अंजाम देते हुए अपनी अनुकरणीय सेवाओं के बूते जिसमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पौधारोपण ,तंबाकू सेवन के दुष्प्रभाव ,नशा निवारण पर बेहतर कार्य करते हुए अखिल भारतीय युवा मामले एवं खेल मंत्रालय का सर्वोच्च सम्मान उन्हें राष्ट्रपति के कर कमलों द्वारा उनकी अनुकरणीय सेवाओं के लिए प्रदान किया गया। उन्होंने हिमाचल का ही नहीं अपितु पूरे नॉर्थ जोन में 45000 इकाइयों में प्रथम स्थान प्राप्त कर चौपाल ही नहीं अपितु पूरे नॉर्थ जोन का मान बढ़ाया है और उनका ही शिष्य नीरज शर्मा जिसे 37000 छात्रों में सर्वश्रेष्ठ एनएसएस छात्र चुना गया यह भी उनकी ही शिक्षा का प्रतिरूप है ।////////——-
■डॉ, गोपाल शर्मा से भेंट वर्ता के कुछ अंश
(वार्ता कार डीडी जंसटा)
प्रश्न:–उनसे एक विशेष वार्ता में हमने यह जानने और समझने की कोशिश की ,कि आप शिक्षा के सही मायने को क्या मानते हैं
,उन्होंने बड़ी ही संजीदगी से जवाब दिया
उत्तर:—-डॉ’ गोपाल शर्मा:—मेरी शिक्षा तभी फलीभूत होती है जब मैं उसका अक्स अपने शिष्य मैं देखता हूं । यही मेरे जीवन का लक्ष्य भी है और ,मैं सदैव यह प्रयास करता रहूंगा के मैं समाज के लिए कुछ ना कुछ सृजनात्मक कार्य करता रहूं। यही मेरी दिली इच्छा है। मैं सभी एनएसएस छात्रों का जो पूर्व में विद्यार्थी रहे हैं सीमा कॉलेज रोहड़ू के और समस्त स्टाफ है जिन्होंने इतना भव्य आयोजन किया ।उन सब का भी हृदय के अंतः करण से शुक्रिया अदा करता हूं ,कि उन्होंने हमें इस सम्मान के लायक समझा