महाविद्यालय नेरवा में सात दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर

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रितु जंसटा/ नेरवा 

8 दिसम्बर 19

नेरवा:(ब्यूरो):- राजकीय महाविद्यालय नेरवा में सात दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर में विभिन्न क्षेत्रों से सम्बंध रखने वाले लोगों से छात्रों को रूबरू कराया गया ।सात दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर में 100 छात्रों ने कार्यक्रम अधिकारी रमेश भारद्वाज के नेतृत्व में भाग लिया। इस मौके असिस्टेंट प्रोफेसर रविंद्र जग्गी व डॉ योगेंद्र ठाकुर संगीत सकाय ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई, और अपनी मधुर आवाज में छात्रों का सभी शिक्षकों ने भरपूर मनोरंजन किया । जिससे छात्रों में खासा उत्साह देखने को मिला ।राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत भाग लेने वाले छात्रों ने महाविद्यालय परिसर में स्वच्छता, वृक्षारोपण ,राष्ट्रीय सेवा योजना का लोगो ,भारत मानचित्र, आवारा पशु, महाविद्यालय परिसर में ना सके इसके लिए सुरक्षा दीवार भी लगाई ।काबिले गौर है कि समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अनुकरणीय सेवाएं दे रहे व्यक्तियों को इस सात दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर में पहली बार बतौर रिसोर्स पर्सन पर्सन ऑफ द डे बुलाकर छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में इन लोगों के संघर्ष व अनुभवों से प्राप्त शिक्षा को सांझा करने का मौका सभी छात्रों को मिला, और छात्रों की जो भी शंकाएं थी उनका जवाब विभिन्न पृष्ठभूमि से आने वाले इन अतिथियों ने दिया। इनमे शिक्षा के क्षेत्र से ,व्यवसाय के क्षेत्र से ,प्रशासनिक अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग में सेवाएं देने वाले,

पत्रकारिता से संबंध रखने वाले व्यक्तियों ने संवाद स्थापित कर छात्रों की जिज्ञासाओं को जाना और उसके निराकरण का भरसक प्रयास किया lआज रिसोर्स पर्सन ऑफ द डे पत्रकारिता से संबंध रखने वाले डी डी जस्टा ने शिरकत की और छात्रों को पत्रकारिता विषय की बारीकियों से अवगत करवाया, और साथ ही साथ चिंता भी जाहिर की कि आज की पत्रकारिता केवल मनोरंजन का विषय बन कर रह गई है ।क्योंकि पत्रकार राजनीतिक उठापटक, कॉरपोरेट घरानों व सीने जगत के कलाकारो, आपदाओं ,आपराधिक घटनाओं तक ही सीमित होकर रह गई है। लेकिन असली मुद्दों से आज की पत्रकारिता कोसों दूर जा रही है। ग्रामीण परिपेक्ष में तो दबे कुचले, कमजोर वर्ग के लोगों के विषयो को प्रमुखता से उठाने में नाकाम रही है ।जिससे पत्रकारिता का समावेशी रूप देखने को नहीं मिलता है ,जो की चिंता का विषय है।आज जरूरत है ग्रामीण परिपेक्ष की हर एक समसामयिक घटना को चरितार्थ करने की। क्योंकि भारत की 80% आबादी ग्रामीण परिपेक्ष से आती है लेकिन इन समस्याओं पर आज के पत्रकार चुप्पी साधे हुए हैं जो कि चिंता का विषय है।।नेरवा से डी डी जस्टा की रिपोर्ट।।

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