चौपाल में आशा वर्करज यूनियन ने तहसीलदार को सौपा ज्ञापन 

चौपाल में आशा वर्करज यूनियन ने तहसीलदार को सौपा ज्ञापन
         कमल शर्मा/चौपाल
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चौपाल: (ब्यूरो):-29नवम्बर 2020  चौपाल में आशा वर्कर यूनियन ने अपनी मांगों को ले कर आशा वर्कर यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष सत्या रांटा की अध्यक्षता में कार्यकताओं का एक प्रतिनिधिमंडल  तहसीलदार चौपाल उमेश शर्मा से मिला अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौपा। तहसीदार चौपाल उमेश शर्मा ने समस्या को सुलझाने का प्रयास कर पूरे मामले को डीसी शिमला के माध्यम से प्रदेश सरकार को आशा वर्करज द्वारा सौपा गया ज्ञापन तुरंत प्रभाव से सरकार को भेजा तहसीलदार चौपाल ने मामले को ध्यान से सुना और कार्यकताओं को भरोसा दिलाया उनकी समस्याओं को सरकार के पास भेजा जाएगा। इस अवसर पर आशा कार्यकर्ता सोनू, सुमन, बबली, रीना, सरोज, अनुराधा, रीटा चौहान, इन्द्रा, स्नेह लता, सुरेखा आदि सभी  मौजूद रही।,

प्रदेश अध्यक्ष सत्या रांटा ने कहा
राज्य सरकार द्वारा उचित मानदेय तथा सुविधाएं न देने से आक्रोशित आशा कार्यकर्त्रियों ने  अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है। आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष सत्या रान्टा ने चौपाल में कहा किआशाओं को लॉकडाउन भत्ता  का भुगतान किया जाए। साथ ही मासिक प्रोत्साहन राशि व अन्य बकाया राशि का भुगतान जल्द करने और मासिक मानदेय फिक्स किया जाए।  उन्होंने सरकार द्वारा चलाये गए हिम सुरक्षा अभियान में कार्य करने से इंकार किया है,
काबिले गौर है   कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए हिमाचल सरकार ने रोगियों की पहचान करने के मकसद से ‘हिम सुरक्षा’ अभियान शुरू किया है। सीएम जयराम ठाकुर ने रिज मैदान से इस अभियान का शुभारंभ किया है। प्रदेश भर में यह अभियान 27 दिसंबर तक चलेगा। इस अभियान को आयुर्वेद, महिला एवं बाल विकास, पंचायती राज विभाग, जिला प्रशासन और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से चलाया जाएगा।  अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता कोविड-19, तपेदिक, कुष्ठ रोग, मधुमेह और उच्च रक्तचाप आदि रोगों के लिए सभी लक्षणों की घर-घर जाकर जानकारी एकत्र करेंगे।  हिम सुरक्षा अभियान के तहत कोरोना के साथ टीबी के मरीजों की भी स्क्रीनिंग की जाएगी ताकि कोरोना के साथ टीबी मरीजों की भी पहचान हो सके। अभियान में आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आयुर्वेदिक विभाग के फार्मासिस्ट घर-घर जाकर रोगियों की जांच करेंगे। 
         सत्या रांटा ने कहा आशा कार्यकार्ताओं ने इस अभियान का बहिष्कार किया है तथा कहा कि सरकार जब तक उनकी मांगो को नहीं मानती वे कार्य नहीं करेगी, प्रदेश अध्यक्ष आशा कार्यकर्ता सत्या रान्टा ने कहा कि आशा कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं को उचित समय पर अस्पताल पहुंचाती हैं। आशा कार्यकर्ता से गर्भनिरोधक व्यवस्था, बच्चों के प्रतिरक्षण तथा पोलियो ड्रॉप या डी-वर्मिंग टैबलेट जैसी नियमित अभियान वाली दवाओं के वितरण की उम्मीद की जाती है। अपने क्षेत्र में  हर प्राधिकारियों के साथ बैठक में भाग लेने के अलावा वह दर्जनों रजिस्टरों में सभी गतिविधियों का पूरा रिकॉर्ड रखती हैं। प्रदेश अध्यक्ष सत्या रांटा ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को  आखिर सरकार  कर्मचारी मानने को तैयार क्यों नहीं होती? जबकि स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित कई कार्य लिए जा रहे हैं। कोविड काल में वे हर मोर्चे पर डटे हुए हैं।  इस तरह की अनदेखी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि सरकार ने मांगें नहीं मानी तो आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी।

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