चौपाल को कौरव है वीर शहीद पर
फ़ाइल फोटो: लेफ्टिनेंट शहीद हरि सिंह चौहान

कुपवी में शहीद के नाम से डिग्री कालेज खोले जाने की पहल शुरू 

27 फरवरी 2020

कुपवी में शहीद के नाम से डिग्री कालेज खोले जाने की पहल शुरू

                            कमल शर्मा
                    सीएनबीन्यूज़4हिमाचल
चौपाल:- चौपाल उपमंडल की तहसील कुपवी में शहीद लेफ्टिनेंट हरि सिंह के नाम से डिग्री कॉलेज खोले जाने की आवाज इलाका में बुलंद हुई है

चौपाल को कौरव है वीर शहीद पर
फ़ाइल फोटो: लेफ्टिनेंट शहीद हरि सिंह चौहान
। परगना चेहता वासियों ने आवाज उठाई है प्रदेश के शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री मंत्री का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है
   गौरतलब है लेफ्टिनेंट  शहीद हरिसिंह का पैतृक गांव परगना चेहता तहसील कुपवी का ग्राम भालू है परगना चेहता के समाज सेवक नरेश दस्टा कुपवी ने इस मामले को परगने की तरफ से उठाते हुए कहा
शहीद लेफ्टिनेंट हरि सिंह चौहान  के नाम से न केवल चौपाल अपितु पूरे प्रदेश को उनकी वीरगति व शहादत के लिए जाना जाता है
   लेकिन अभी तक उनके “पैतृक” स्थान पर उनके नाम से कोई भी नामकरण नहीं किया गया है जिससे उनको एक उचित सम्मान मिल सके इसलिए कुपवी क्षेत्र की आम जनता सरकार से यह आग्रह करती है कि कुपवी में शहीद लेफ्टिनेंट हरिसिंह चौहान राजकीय महाविद्यालय खोला जाए जिसके लिए आने वाली पीढ़ी के लिए भी व प्रेरणा के स्रोत बने व क्षेत्र को एक उचित मान सम्मान मिले  नरेश दस्टा ने बताया  इस मांग हेतु कुपवी विकास मंच व कुपवी छात्र कल्याण संघ के सदस्य जल्द ही स्थानीय विधायक  व प्रदेश के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज  से भेंट करके उनसे मांग करेंगे।–
    ●लेफ्टिनेंट की कुर्वानी पर चौपाल को है नाज:  24 वर्ष की आयु में दी कुर्वानी
-लेफ्टिनेंट हरि सिंह चौहान  का जन्म 1941 को चौपाल उपमंडल के ग्राम भालू तहसील कुपवी जिला शिमला हिमाचल प्रदेश में हुआ था उन्होंने अपनी पढ़ाई होशियारपुर और डीएवी कॉलेज जालंधर से की और 1965 में भारत और पाकिस्तान में जंग हो गई थी उसी जंग में शहादत पाने वाले लेफ्टिनेंट हरि सिंह चौहान पहले अफसर थे  24 वर्ष की आयु में देश के लिए शहीद हो गए थे लै.हरि सिंह चौहान माइनफील्ड विशेषज्ञ  थे माइनफील्ड में महारत हासिल होने के कारण 1965 की जंग में जम्मू के समीप मुनावर नदी के किनारे उन्हें बारूदी सुरंगों को निरस्त करने का जिम्मा सौंपा गया था बारूदी सुरंगों को निरस्त करते हुए वह शहीद हो गए थे! चौपाल तहसील ग्राउंड में शहीद लेफ्टिनेंट हरि सिंह की प्रतिमा स्थापित है, यहाँ उनको आज भी याद किया जाता है। 

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