राजनीति : सियासत : 6-1-20
अमित चौहान के बयान ने आलोचको के पसीने छुड़ाए
(कमल शर्मा)
Cnbnews4 himachal:
चौपाल:(ब्यूरो):- चौपाल के सर्द मौसम में एक बार फिर राजनीतिक गर्मी आ गई है चौपाल के पूर्व विधायक केवल राम चौहान के पोते अमित चौहान इस गर्मी लाने के मुख्यता केंद्र बन गए है दिल्ली में विधायक बलवीर वर्मा के साथ कि गलबहियां
और अमित चौहान के सोसल मीडिया पर वायरल हो रहे उस बयान ने आलोचको के मुंह मे ताले लगाने का कार्य किया जिस में अमित चौहान कह चुके है
“आलोचको के हम मुह बंद नही कर सकते हम तो सिर्फ समाज सेवा कर सकते है”।
इस बयान ने कोहराम मचा दिया है चौपाल में राजनीतिक टम्प्रेचर बढ़ गया है। विधायक के राजनीतिक विरोधी जो चौपाल के लिए एक नया चेहरा की तलाश में ब्यस्त है । वही विधायक और अमित की जोड़ी ने अब आग पर घी डालने का काम कर दिया है।
गुप्त सूत्रों से पता चला है चौपाल से अगले विधायक का नाम भी सजेस्ट कर लिया है अभी पेच पुत्र पिता में से कौन लड़ेगा मामला यहाँ टिका हुआ है ????
हलांकि राजनीति गलियारों में चर्चा छिड़ चुकी है अमित चौहान ने ऐसे वखत पर कहा जब दिल्ली में चुनाव का दौर है और चौपाल के विधायक उनके साथ है।
आम लोगो के लिए भले ही ये उनकी वायरल फ़ोटो और शब्द कुछ और बयान कर रहे हो लेकिन विधायक बलवीर वर्मा और अमित चौहान के आलोचको पर इस शब्दावली ने राजनीतिक तमाचा मारने का काम किया है। अब देखने वाली बात ये होंगी चौपाल के विकास की नई जोड़ी किस तेजी से आगे बढ़ती है
गौर तलब है अमित चौहान के पास पोलटिकल बैकग्राउंड है और बलवीर वर्मा दूसरी बार चौपाल के विधायक बने है।
जानकारों का मानना है चौपाल के विधायक बलवीर बर्मा लंबी रेंज में है अब अमित चौहान और बलवीर वर्मा कुछ भी कह ले आम लोगो ने इन दोनों की वायरल तस्वीर के समीकरण लगाने शुरू कर दिए है।
राजनीति के जानकारों का मानना है जहाँ बलवीर वर्मा चौपाल के ऊपरी क्षेत्र में जबरदस्त राजनीतिक पकड़ रखते है वही निचले क्षेत्र में अमित चौहान के मुकाबले में विपक्ष विरोधियों से लड़ने का इस से बड़ा कोई विकल्प नही है ,अब देखना ये है ये जोड़ी अब चौपाल की अगली राजनीति में क्या बदलाव लाएगी। हालांकि वर्मा हटाओ राजनीतिक विरोधियों द्वारा चौपाल से अगला चेहरा निचले क्षेत्र से सजेस्ट कर लिया है ऐसे में बलवीर बर्मा और अमित चौहान की राजनीतिक जोड़ी से वर्मा के विरुद्ध राजनीतिक मूब कितनी रुकती है ये भविष्य के गर्व में कैद है।
हालांकि वर्मा के कट्टर समर्थक अंध भगत वर्मा को चौपाल में राजनीतिक तौर से कही कमजोर नही मानते है वर्मा को चौपाल से हटाना और हराना विरोधियों के बिस्तर पर लेट कर आने वाले सपने मान रहे है।