( संजीव शर्मा)
सीएनबी न्यूज़4 हिमाचल
■चूड़धार जंगल में रास्ता भटक गए युवक सकुशल मिले
-17जून2019
सराह(चौपाल) सीएनबी4: चूड़धार यात्रा पर आए 5 ट्रैकर जिनमें से दो ट्रैकर अपना रास्ता जंगल में भटक गए थे उनके उनके साथ जो अन्य तीन साथी से भी संपर्क टूट चुका था लेकिन
48 घंटे बाद चूड़धार घाटी में लापता दो ट्रैकर्स को सकुशल बरामद कर लिया गया है। सोमवार शाम रेस्क्यू टीम ने युवकों को छोगटाली पंचायत के कंडा जंगल से तलाश कर बरामद कर लिया।
जानकारी अनुसार सोलन के अर्की से पांच युवक चूड़धार चोटी पर घूमने आए थे। वापसी तीसरी में चाय पीने के बाद तीन युवक आगे चल दिए,जबकि 2 युवक कपिल व भुवनेश्वर यह कहकर पीछे रूक गए कि वह कुछ समय बाद आ रहे हैं। लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी दोनों युवक नहीं आए। जिसके बाद आगे चल रहे युवकों ने मोबाईल के माध्यम से संपर्क करने की कोशिश की,लेकिन नहीं हो पाया।
शनिवार देर रात को कुछ समय के लिए संपर्क हुआ तो युवकों ने बताया कि वह रास्ता भटक गए हैं और फिर संपर्क टूट गया। जिसके बाद रविवार को नौहराधार पुलिस को सूचित किया गया। सूचना मिलते ही पुलिस व प्रशासन की टीमें लापता हुए युवकों की तालाश में दिन भर खाक छानती रही,लेकिन युवकों का कोई पता नहीं चल पाया। आखिरकार टीमों ने सोमवार शाम को लापता हुए युवकों को छोगटाली पंचायत के कंडा के जंगल से तलाश कर लिया है। जिसके बाद युवकों को नौहराधार अस्पताल ले जाया गया जहां उसके स्वास्थ्य की जांच की गई जो कि सही पाई गई। डीएसपी संगड़ाह अनिल धौल्टा ने बताया कि लापता हुए युवकों को दो दिन बाद तालाश कर लिया गया है। डीडीएमए (जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) ने भी सर्च ऑपरेशन में अहम भूमिका निभाई। गौर रहेे की चूड़धार जंगल बहुत घना जंगल है और लगातार पिछले कई वर्षोंं से चूड़धार यात्रा पर लौटते और आने जाने वाले कई ट्रैक्टर मुसाफिर श्रद्धालु अपना रास्ता भटक चुके हैं लेकिन रेस्क्यू के माध्यम से अक्सर तलाश के बाद सभी सकुशल भी मिले हैं लेकिन विडंबना ये है कि इतने इस प्रकार की घटनाओं के बाद भी मार्ग पर सूचक चिन्ह नहीं है जो कि अति आवश्यक नहीं समझे जा रहे हैं सरकार को चाहिए की चूड़धार मार्ग को जोड़े जाने वाले सभी रास्तों पर चूड़धार मार्ग पर सूचक बोर्ड लगने आवश्यक है ये सुविधा इधर ना होने की वजह से अनजान मुसाफिर रास्ता भटक जाते हैं प पुराने बुजुर्गों का माने तो उनका यही कहना रहता है चुर्धार के जंगल से मटका रास्ता ढूंढना संभव ही नहीं मुमकिन भी नहीं है