■नाथू राम को खुद बृद्ध आश्रम ले कर गए भीमटा
■अधिकारी सुरेंदर भीमटा के काम करने का एक परिचय
डीडी जंसटा की कलम से
सीएनबी न्यूज़4हिमाचल
–28जुलाई 2019
नेरवा-(सीएनबी4):-इन दिनों तहसील कल्याण अधिकारी सभी के लिए चर्चा का विषय बने हुए हैं।बात की जाए इन अधिकारी की तो इससे पूर्व वो सोलन में वो एक करियर अकादमी चलाते थे, जिसमे ,अलाइड्स, H,A,S,I, A, S, स्तर की कोचिंग दी जाती थी लेकिन अपने पिता के मार्गदर्शन से उन्होंने मजलूम लोगों की सेवा की बात ठान ली।अब अपना व्यवसाय छोड़ तैयारीयो में जुट गए।वर्ष 2015 में सेवा भाव का सपना साकार होने पर तहसील कल्याण अधिकारी चौपाल रूप में अपनी सेवा देने लगे।शुरू से ही सौम्य व्यवहार, स्वच्छ छवि,कर्तव्यपरायणता के कारण सुरेन्द्र भीमटा लोगों व अधिकारियों के बीच खास मुकाम हासिल कर चुके हैं।चौपाल की जनता उन्हें कुशल अधिकारी से ज्यादा सद्व्यवहार के लिए जानती है।वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में चौपाल नोडल स्वीप अधिकारी के रूप में भी उन्होंने 145 बूथों पर जाकर लोगों को मतदान का महत्व समझाया और लोगों की नीरसता को बदलने में कामयाबी हासिल कर मत प्रतिशता में 12 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज कराई।पिछले दिनों उन्होंने 10 वर्षों से चन्जालपुल ढाँक के नीचे रह रहे 84 वर्षिय नाथूराम को समाजसेवी विशाल चौहान चौपाल की सूचना पर सयम चौपाल में न रहते हुए भी चौपाल के डी एस पी सन्तोष शर्मा की मदद लेकर रेस्क्यू करवाया तथा चौपाल से शिमला पहुंचने पर बिना समय गवाऐ सभी दस्तावेज तैयार कर नाथूराम को बसंतपुर वृद्धाश्रम खुद लेकर गए।उल्लेखनीय बात है कि ऐसा नहीं है कि सुरेन्द्र भीमटा की जगह अगर कोई और अधिकारी होता तो काम नहीं होता।काम तो होता लेकिन जिस अपनेपन से साथ वे लोगों के साथ घुलमिलकर उन्हीं की जिंदगी का हिस्सा बन जाते हैं, ऐसा कर पाना सभी के लिए मुमकिन नहीं हो पाता।चौपाल की समस्त जनता ऐसा अधिकारी पाकर खुद पर गर्व महसूस करती है।इसके पीछे इनका खुद का व्यवहार है।सुरेंद्र भीमटा ने अपने कार्यालय में प्रत्येक कर्मचारियों को निर्देश दिये हैं कि चाहे 5 बज रहे हो या फिर दोपहर में भोजन का समय हो दूर दराज से कोई भी अगर इनके कार्यलय तक पहुंचे तो मिले बिना न जाए●●●●●●●●●●●●●●●●●●●/////।
रिपोर्ट डी डी जस्टा की कलम से ।