पहाड़ी संगीत हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा; इस विरासत को बढ़ाना अति आवश्यक: धूमल
सीएनबीन्यूज़4हिमाचल ब्यूरो
भोरंज /शिमला: 3 फरवरी 2024: पहाड़ी संगीत हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा है। इस अमूल्य विरासत को संभालना सहेजना और आगे बढ़ाना अति आवश्यक है। अगली पीढ़ी को यह विरासत सौंपने की संपूर्ण जिम्मेवारी हमारी पीढ़ी की है। और यह काम मातृशक्ति के बलबूते ही पूरा हो सकता है। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने शनिवार को भोरंज विधानसभा क्षेत्र में भाजपा द्वारा आयोजित पहाड़ी संगीत प्रतियोगिता में भाग ले रही महिलाओं को संबोधित करते हुए यह बात कही। शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री ने भोरंज के खरवाड़ स्थित करियर प्वॉइंट यूनिवर्सिटी में पहाड़ी संगीत प्रतियोगिता की विजेताओं को इनाम और झरलोग में प्रयास संस्था द्वारा आयोजित ब्यूटी एंड वैलनेस प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर प्रशिक्षुओं को सर्टिफिकेट भी बांटे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी संस्कृति हमारी और हमारे क्षेत्र की पहचान है। लेकिन आज के डीजे के युग में कहीं ना कहीं पहाड़ी संगीत गाने की परंपराएं गुम होती जा रही हैं जो सही नहीं है। पहाड़ी होना हमारी पहचान है जब हम अपनी पहचान ही गंवा देंगे तो हम आने वाली पीढ़ी को क्या बता सकेंगे। पहाड़ी संगीत हमारी इस पहचान का एक अहम हिस्सा है। सांसद अनुराग ठाकुर ने बहुत बढ़िया निर्णय लेते हुए पहाड़ी संगीत प्रतियोगिताएं आयोजित करवाने का जो कदम उठाया है वह हमारी संस्कृति को हमारी पहचान को निश्चित रूप से आगे बढ़ाएगा ऐसा मुझे पूर्ण विश्वास है। अगर हम राष्ट्रीय स्तर पर बात करें तो आज का भारत चंद्रयान मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करके दुनिया के लिए नए दरवाजे खोलते हैं तो दूसरी तरफ 500 वर्षों के लंबे इंतजार के पश्चात अयोध्या राम जन्म भूमि में भाव मंदिर निर्माण कर प्रभु श्री राम लाल को वहां विराजमान होने का साक्षी भी बनता है। आधुनिकता और नवीनीकरण के साथ-साथ हमें अपना गौरवशाली अतीत भी सहेज कर रखना है उसे भूलाना नहीं है। ब्यूटी एंड वैलनेस प्रशिक्षण शिविर में भाग ले रही युवतियों को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सांसद अनुराग ठाकुर ने हमीरपुर लोकसभा के लोगों को भिन्न भिन्न क्षेत्र में दक्ष और हुनरमंद बनाने के लिए ऐसे कई तरह के प्रशिक्षण शिविर बहुत लंबे समय से चलाए हुए हैं जिसमें सैकड़ो युवक युवतियां प्रशिक्षण प्राप्त करअपने पैरों पर खड़ा होने के लिए समर्थ बने हैंअपना रोजगार चला रहे हैं और आत्मनिर्भर बन रहे हैं। आप सबने जो यहां पर सीखा है अगर अच्छी तरह निरंतर इसका अभ्यास करते रहेंगे एक दिन आप अपने हुनर में दक्ष हो जाएंगे। फिर आप नहीं आपका काम बोलेगा आपको किसी के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि लोग जो आपके काम को पसंद करेंगे खुद ढूंढते हुए आपके पास आएंगे और आपका भविष्य उज्जवल बनेगा। आप सब यहां प्रशिक्षित हुए हैं इस ज्ञान को अपने तक सीमित मत रखना इसे आगे बढ़ना अपने आस पड़ोस में अपने गांव में औरों को भी प्रेरित करना कि वह भी ऐसा प्रशिक्षण प्राप्त कर जीवन में आगे बढ़ने के लिए सक्षम हो जाएं।