पहाड़ी दिवस में भाग लिया चौपाल के कवि दिनेश गजटा ने
कमल शर्मा
शिमला /चौपाल:हिमाचल प्रदेश भाषा कला एवम संस्कृति विभाग द्वारा शिमला में राज्य स्तरीय पहाड़ी दिवस मनाया गया
इस मौके पहाड़ी नृत्य पहाड़ी संस्कृति के साथ राज्य स्तरीय पहाड़ी कवि सम्मेलन का आयोजन शिमला के गेटी थियेटर में किया गया।जिसके उद्देश्य पहाड़ी भाषा एवम संस्कृति को बचाने का लक्ष्य है।इस कवि सम्मेलन में चौपाल के पोड़ीया निवासी लोहरान दिनेश गजटा जो वर्तमान में रुस्लाह स्कूल में बतौर शारीरिक शिक्षक सेवा दे रहे है। ने इस आयोजन में भाग ले कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया काबिले गौर है चौपाल क्षेत्र के हर लेखक और क्रांतिकारी कवियों के लिए अच्छा वातावरण बनाते हुए युवा कवि और लेखकों के लिए मार्गदर्शक बने है इन्होंने पहाड़ी भाषा पर कवियों को प्रस्तुत कर यहाँ समा बांधे रखा पहाड़ो से प्रेम करने वाले पहाड़ी भाषा को सराहने से खुद को रोक नही पाए बता दे दिनेश गजटा अमर उजाला में कई वर्षों तक पत्रकार के रूप में चौपाल क्षेत्र में अपनी सेवाएं देते रहे सरकारी नॉकरी का नंबर आने पर अब पत्रकारिता से हट कर लेखन का कार्य लंबे अंतराल से करते आ रहे है दिनेश अन्य समाचार पत्रों में भी अपनी सेवाएं दे चुके है दिनेश गजटा ने बताया,अब तक बारह संयुक्त संग्रह मे इनकी रचनाएं है।तथा दो सौ के लगभग लिख कर तैयार है जिसको अपनी पुस्तक के रूप में सम्पादन करवाना चाहते है।कक्षा दसवीं थारोच स्कूल से पहली रचना 1993में लिखी थी वह अब तक लिखने की और रुचि रखते हैं। भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा दिए गए मंच को दिनेश इसे रोचक ,प्रेरणादायक ,और समय के सदुपयोग का आज के संदर्भ में श्रेष्ठ मंच मानते है।निजी सेवा के साथ वर्ष 2005से 2010तक बी डी सी सदस्य चौपाल सीमित में रहे।जिससे सीखने को बहुत कुछ मिला ।स्कूल से ही खेल रुचि होने के कारण पांच बार बालिबाल, व पेंटोमाआईएम में भाग लिया था।युवक मंडल पोड़िया में कई वर्षो तक प्रधान पद पर रह कर कल्ब को श्रेष्ठ कल्ब का तथा स्वयं यूथ अवार्ड 1999 में युवा सेवा एवम खेल विभाग से प्राप्त किया ।इस समय अनेक साहित्यिक समूह के साथ कार्य कर असंख्य सम्मान पत्र लेखन में प्राप्त किए ।