पर्यावरण दिवस पर बीएमएस व राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ द्वारा पोधोरोपण कार्यक्रम आयोजित हुए ।
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राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस केअवसर पर भामंस,राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ द्वारा रोहडू जिला शिमला के
विभिन्न स्थानों पर पदाधिकारीयों द्वारा पौधरोपण किये गये ।राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ के पूर्व अखिल भारतीय अध्यक्ष विपन डोगरा, राष्ट्रीय उपाघ्यक्ष गोपाल दत्त,राष्ट्रीय मत्री चमन लाल कलवान पैन्शनर महासंघ के प्रदेश महामन्त्री बृज लाल शर्मा, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष राम लाल, उपाध्यक्ष राजेन्द्र चौहान,भामसं हि० प्र० के प्रदेश कार्य समिति सदस्य व आइपीएच के प्रदेश वित सचिव रुप लाल शर्मा , हि० प्र० राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश सचिव अनिल रिठवान,सयुक्तं सचिव भिम सिहं चौहान,अश्वनी रान्टा ,विद्युत तकनिकि सघं के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्य कान्त शर्मा,प्रदेश साचिव दिवान चन्द ,आशा कार्यकर्ता संघ की प्रदेश उप प्रधान पुष्पा मान्टा,प्रदेश सचिव विजय लक्ष्मी,टिककर प्रधान अनिता शर्मा, कोटखाई की प्रधान ओम लताआगनवाड़ी संघ चौहारा की प्रधान आशा रुगटा ,जुब्बल की प्रधान अनु ठाकुर, रोहडू की उषा पानिष्टा,राजस्व विभाग दैनिक भोगी संघ के सगठंन मन्त्री किशोर चुन्टा
आदी ने अपने अपने स्थानों में पौधारोपण किया i.
वरिष्ठ ट्रैड यूनियन नेता विपन कुमार डोगरा ने बताया कि भारतीय मजदूर संघ अमृता देवी के बलिदान को याद करते हुए हर साल 28 अगस्त को पर्यावरण दिवस के रूप में मनाता है। पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर कार्यक्रम आयोजित करता है। इस दिन, संगठन वृक्षारोपण, विचार-गोष्ठी और पर्यावरण संरक्षण की तकनीकों पर चर्चा करके अमृता देवी और अन्य शहीदों के प्रति सम्मान व्यक्त करता है। यह संगठन पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए वृक्षारोपण अभियान चलाता है और पर्यावरण संरक्षण के बारे में लोगों को जागरूक करता है।डोगरा ने वताया कि पर्यावरण को बचाना प्रत्येक देश व प्रदेश वासी का कर्तव्य है । हिमाचल में हुई भारी तवाही ,बाढ़ व आपदा इसका उदादरण है । पेडों के अन्धाधून्ध कटान , पारियेजनाओं ,सड़कों व गल्त तरीकों से हो २हे निर्माणों के कारण यह स्थिति आ २ही है । जिस कारण जनता के घर,जमीन,बाग,सड़क,पैयजल योजनाओं,विद्युत टावरों व जान माल की भारी क्षति हुई है । तथा पृकृति से छेड़खाड़,अवैध खनन व पेड़ कटान पर रोक न लगी तो मानव सभ्यता ही नष्ट हो जायेगी । पहाड़ो से भूमि कटाव व नदियों में बाढ़ से जहाँ पहाड़ी क्षेत्र नष्ट होंगे वही मैदानी इलाके भी बाढ़ के कारण डूब जायेगे ।
इसलिए हर परिवार के सदस्य को कम से कम एक पेड़ लगा कर तथा उसकी देखरेख कर उसका पोषण करना चाहिए । जहाँ पेड़ों से फल ,इधन,इमारती लकड़ी, मिलती है वहीं अनेक जीवन रक्षक ओषधियॉ,आक्सीजन,गर्मी से राहत भी मिलती है । भूमि कटाव, रोकने के लिए पोधौरोपण कार्य ही एक मात्र उपाय हैं। इस अवसर पर सदस्यों ने पर्यावरण पर अपने अपने बिचार रखे ।
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