शिमला/चौपाल:लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की कमिटमेंट के अनुसार सभी बागी पूर्व विधायक और चुनाव लड़ चुके नेताओ के कांग्रेस में शामिल करने के उपरांत,चौपाल के पूर्व विधायक डॉ सुभाष मंगलेट को कांग्रेस में शामिल करने में हो रही देर को ले कर अब लगने लगा है कांग्रेस हाईकमान में उनको शामिल करने को ले कर अभी भी पेच फंसा हुआ है। मंगलेट समर्थक मामले को ले कर चुप है इतना जरूर दबी जबान से बोल रहे है “मंगलेट” को जो सही लगेगा इस मामले में वो खुद ही फैसला लेंगे,चौपाल विधानसभा क्षेत्र से रजनीश किमटा को टिकट मिलने के बाद से डॉ सुभाष मंगलेट कांग्रेस पार्टी से बाहर हो चुके है, मंगलेट ने भी आजाद उम्मीदवार के रूप में चौपाल से चुनाव लड़ा था और,कांग्रेस के उमीदवार के मुकाबले 11 फीसदी वोट कम है, 22.03फीसदी वोट शेयर है 13,706 मत लिए है, एक बड़ा वोटो का पैकेज ले कर “चौपाल”की सियासत में बने रहे।कांग्रेस हाईकमान का फैला सभी पूर्व विधायक और कांग्रेस में शामिल होने को ले कर पहले ही लिया जा चुका है, जिस में प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष संजय अवस्थी भी पहले ही कह चुके है कांग्रेस में आने वालों के लिए दरवाजे खुले है। उधर शनिवार को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सिरमौर के कांग्रेस नेता गंगूराम मुसाफिर की कांग्रेस में घर वापसी हो गई है,ऐसे में इसी लोकसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक डॉ सुभाष मंगलेट की कांग्रेस में एंट्री को ले कर हो रही देर कई सवाल पैदा कर रही है।उधर गंगूराम मुसाफिर की एंट्री को ले कर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने मुसाफिर की एंट्री पर मोहर लगा कर स्वागत किया है। काबिले गौर है डॉ सुभाष मंगलेट कांग्रेस के पुराने नेता है और उनकी राहुल गांधी के साथ की अच्छी इंटिमेसी को ले कर बहुत सारी तस्वीरे भी है, वो पिछले चुनाव में हिमाचल से बाहर कांग्रेस पार्टी के आब्जर्वर भी रह चुके है बता दे अगर मंगलेट ने कांग्रेस में जाने के लिए इस वक्त देर खुद की तो उनकी कांग्रेस में बड़े नेताओं के साथ की पुरानी तस्वीरे कांग्रेस में हमेशा के लिए इतिहास बन जाएगी। उधर उनके खेमे में एक सलाहकार का पुराना टोला,मंगलेट को कांग्रेस में न जाने देने के लिए मंगलेट के साथ रह कर काम कर रहा है। अब देखना ये है मंगलेट क्या निर्णय लेते है, या उनके लिए कांग्रेस का दरवाजा प्रदेश महा सचिव के रहते चौपाल में कांग्रेस में हमेशा के लिए बंद हो गया है ये भी एक बड़ा सवाल है? चुनाव शुरू है 51 साल की उम्र में मंगलेट भी आराम से तो नही बैठ सकते कांग्रेस में उनको चाहने वाले इंतजार कर रहे है लेकिन बीजेपी भी स्वागत के लिए दरवाजे पर नजर आ रही है अब ये फैसला तो मंगलेट को ही करना है अब वो अपने सलाहकारों की सुनते है या खुद का निर्णय खुद लेते है आने वाले कुछ ही दिनों में ये तस्वीर भी साफ दिखने लगेंगी, उनके सही और गलत फैसले पर उनकी राजनीतिक दशा और दिशा दोनो इस चुनाव से तह होने वाली है।
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